एक छोटे से शहर में एक लड़का था, जिसका नाम निब्हू था। निब्हू पढ़ाई में अच्छा था, लेकिन जब भी उसे कक्षा में खड़ा होकर बोलने का मौका मिलता, उसके हाथ कांपने लगते और वह झिझक जाता। उसकी यह हिचकिचाहट उसकी सबसे बड़ी कमजोरी बन गई थी। हर बार वह सोचता, “अगर मैंने कुछ गलत कह दिया तो क्या होगा?” इस डर से वह कई मौकों पर चुप रहता और कभी भी अपनी काबिलियत को साबित नहीं कर पाता।
पहली चुनौती
एक दिन, उसके शिक्षक ने उसे शहर के वार्षिक मेले में भाषण देने का अवसर दिया। यह निब्हू के लिए एक सुनहरा अवसर था, लेकिन हिचकिचाहट ने उसे घेर लिया। उसने कई बार सोचा कि वह इसे मना कर दे, लेकिन फिर उसे अपने अंदर से आवाज आई, “अगर अब नहीं किया, तो कभी नहीं कर पाऊंगा।” उसने साहस जुटाया और तैयारियों में जुट गया।
बुजुर्ग से मुलाकात
तैयारियों के दौरान, निब्हू की मुलाकात एक बुजुर्ग व्यक्ति से हुई। वह व्यक्ति अपने अनुभवों के आधार पर जीवन के कई उतार-चढ़ाव देख चुका था। निब्हू ने उसे अपनी परेशानी बताई, कि कैसे वह हर बार मंच पर जाने से पहले डरता और हिचकिचाता है। बुजुर्ग ने मुस्कराते हुए कहा, “बेटा, हिचकिचाहट उस व्यक्ति के अंदर होती है, जो अपनी कमजोरियों को अपना लेता है। जो व्यक्ति अपने डर का सामना करता है, वह अपनी कमजोरी को ताकत में बदल देता है। जब तुम मंच पर खड़े हो, तो यह मत सोचो कि लोग तुम्हें जज करेंगे। बस अपनी बात कहो, क्योंकि अगर तुम्हारे अंदर सच्चाई है, तो लोग सुनेंगे। हमेशा याद रखना, पहला कदम सबसे कठिन होता है, लेकिन वही सबसे महत्वपूर्ण होता है।”
निर्णायक दिन
निब्हू ने बुजुर्ग की बातों को दिल से लगा लिया। उसने सोचा, “अगर मैं आज इस डर को नहीं तोड़ूंगा, तो यह डर हमेशा मेरे साथ रहेगा।” वह मेला दिन आया और निब्हू मंच पर खड़ा हो गया। उसके दिल की धड़कनें तेज थीं, पर उसने अपनी सांसें नियंत्रित कीं और अपने पहले शब्द बोले। जैसे ही वह बोलता गया, उसकी हिचकिचाहट कम होती गई और आत्मविश्वास बढ़ता गया। उसने अपना भाषण बिना रुके पूरा किया और लोग उसकी बातों से प्रभावित हुए।
सफलता का स्वाद
उस दिन के बाद, निब्हू को समझ में आया कि हिचकिचाहट को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है “करना”। जब तक आप कोशिश नहीं करेंगे, तब तक आप नहीं जान पाएंगे कि आप क्या कर सकते हैं। हर नया अनुभव आपको मजबूत बनाता है और आपकी हिचकिचाहट को समाप्त करता है।
सीख
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हिचकिचाहट को तोड़ने का सबसे आसान तरीका है, पहला कदम उठाना। जब आप अपने डर का सामना करते हैं और कदम बढ़ाते हैं, तो हिचकिचाहट धीरे-धीरे गायब हो जाती है। खुद पर भरोसा रखें, क्योंकि यही आपका सबसे बड़ा साथी है।